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बगहा में पर्यावरण प्रेमी पेड़ को बांधी राखी

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बगहा । पर्यावरण प्रेमी ने पेडों को रक्षा बांधकर रक्षाबंधन कर पर्व मनाया। भाई बहन का त्यौहार रक्षाबंधन पर्व को पूरी हर्षोल्लास के साथ पेड़ के संग मनाया गया। शहर के समीप   विकास   वैभव चौराहा: सेमारकोल बगहा दो में मनाया गया। जिसमें स्थानीय ग्रामीण बहने एवं सामाजिक कार्यकर्ता जनप्रतिनिधियों ने बढ़ चढ हिस्सा लेकर पूरी आस्था के साथ पेड़ को राखी बांध उनकी सुरक्षा का संकल्प लिया। ग्रामीण समेत अन्य लोगो को भी ग्लोबल वार्मिंग से बचाव को लेकर अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की अपील किया ताकि पर्यावरण सुरक्षित रखा जा सके और मानव के साथ जीव जंतुओं को स्वच्छ वातावरण में विचरण करने एवं स्वस्थ रहने के लिए उन्हें शुद्ध वातावरण के साथ जीवन मिल सके  स्वच्छ वातावरण के लिए पेड़ लगाना बेहद जरूरी है।

15 अगस्त 1947 से पहले ही आजाद हो गया था UP का बलिया जिला, लेकिन फिर चारों तरफ खून ही खून..

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.Independence Day Special: बलिया के नेता जेल में बंद थे. जेल के बाहर हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे थे. मजिस्ट्रेट ने नेताओं से कहा कि हम आपको आजाद कर देंगे, बस बाहर खड़े लोगों से कहिए कि शांत हो जाएं. नेताओं ने इसकी गारंटी नहीं दी. बलिया के नेताओं ने किसी तरह की कोई गारंटी नहीं दी. इसके बावजूद, मजबूर प्रशासन ने उन नेताओं को रिहा किया. लेकिन बात यहीं नहीं रुकी... उत्तर प्रदेश का बलिया जिला (Ballia). इस जिले से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाता हूं… बगावत के लिए प्रसिद्ध इस जिले ने पूरे देश को आजादी मिलने से पहले, कुछ दिनों के लिए आजादी की हवा (Independence Day) को महसूस किया. क्षेत्रीय नेताओं ने सरकार बनाई. लेकिन इसके एवज में इस जिले ने भारी कत्लेआम की कीमत चुकाई. हुआ यूं कि अपनी फजीहत से बचने के लिए एक अंग्रेजी अधिकारी ने इस इलाके में गजब कत्लेआम मचाया. और सभी नेताओं को पकड़ के जेल में बंद कर दिया. इस घटना की चर्चा BBC रेडियो तक पर हुई.   देश को आजादी मिली- 15 अगस्त 1947 को. इसके 5 साल पहले चलते हैं यानी कि 1942 में. 9 अगस्त 1942 को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत हुई. इस आंदोलन में बलिया ज