Bihar Boat Accident: बगहा की गंडक नदी में बड़ा हादसा, आधा दर्जन लोगों से भरी नाव पलटी

Bihar boat Paschim Champaran accident:
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में गंडक नदी में आज (24 अगस्त) शनिवार की सुबह गंडक नदी में एक नाव पलट गई और चीख-पुकार मच गई. वहीं आधा दर्जन लोगों के नाव में सवार होने की जानकारी मिली है.

बगहाः Bihar Boat Accident: बिहार के बगहा में

इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है. जहां गंडक नदी में एक बार फिर बड़ा नाव हादसा हुआ है. नाव पर सवार करीब आधा दर्जन लोगों को स्थानीय गोताखोरों के साथ बड़े नाव ने प्रशासन के सहयोग से सुरक्षित बचा लिया है. वहीं SDRF को भी इस घटना की सूचना दी गई है. इधर सूचना पर पहुंची भितहा थाना की पुलिस प्रशासन ने अब आगे की कार्रवाई तेज कर दिया है. बताया जा रहा है कि नदी में उफान और तेज हवाओं के कारण यह नाव हादसा हुआ है. लेकिन मोटर बोट चालक और स्थानीय गोताखोरों देवदूत बनकर सबों को सुरक्षित बचाने में कामयाब रहे, हालांकि हादसे का शिकार नाव नदी की तेज धारा में बह गईं है.
दरअसल उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित भीताहा के चंद्रपुर दियारा की यह घटना बताई गई है. जहां लोग खेती किसानी और चारा लाने के लिए हर रोज की तरह गंडक दियारा की ओर जा रहे थे. तभी एकाएक नदी की तेज धार में छोटी नाव अनियंत्रित होकर पलट गई और लोग डूबने लगे. हालांकि सबों को समय रहते मोटर बोट सवार स्थानीय गोताखोरों ने उन्हें सुरक्षित बचा लिया है एक राहत भरी खबर है कि नाव पर सवार सभी लोगों को सुरक्षित बाहर भी निकाल लिया गया है. जिन्हें दियारा में हीं रखा गया है. क्योंकि हवा तेज है, लिहाजा हवा रुकने का इंतजार किया जा रहा है. तब उन्हें इस पार गांव घर के लिए लाया जायेगा. अभी तक इस घटना में प्रशासन की ओर से किसी के गंडक नदी में डूबने की पुष्टि नहीं हुई है.
बता दें कि गंडक नदी का जलस्तर इधर कुछ दिनों से फिर बढ़ा हुआ है, क्योंकि नेपाल में हुई बारिश के बाद नदी में 1.60 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. ऐसे में लोग हर रोज कई नदी घाटों से गंडक दियारा की ओर निजी नावों से खेती किसानी और मवेशियों चारा लाने के लिए जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं.
ऐसे में अंचल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहें हैं कि आखिर प्रशासन इन्हें कोई रोक टोक या इनपर कार्रवाई क्यों नहीं करता है. जब सरकार केवल रजिस्टर्ड सरकारी नावों के हीं परिचालन का दावा करती है तो फिर किसकी इजाजत से धड़ल्ले से कई नदी घाटों पर लोग नीजी नाव पर सवार होकर नदी की उफनती धारा में मौत को गले लगाने जाते हैं. क्या सरकार और प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है.

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